Manoj Tiwary again target on MS Dhoni after blaming him for his career

महेंद्र सिंह धोनी सवालों के कठघरे में हैं. इसके पीछे की वजह है उनका मौजूदा परफॉर्मेन्स. ना तो धोनी बड़ा स्कोर बना रहे हैं और ना ही मैच को फीनिश करते दिख रहे हैं. टीम के सफल रन चेज में अब उनका योगदान ना के बराबर दिखता है. और, ये बात सिर्फ IPL 2025 की नहीं है. बल्कि पिछले सीजन में भी उनका कुछ ऐसा ही हाल था. बहरहाल, नाकाम होते धोनी पर अब पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने निशाना साधा है. उन्होंने बातों ही बातों में धोनी पर CSK से खिलावाड़ करने का आरोप लगाया. घरेलू क्रिकेट में बंगाल से खेलने वाले ये वही मनोज तिवारी हैं, जिन्होंने कुछ समय पहले धोनी पर खुद का करियर तबाह करने जैसा बड़ा इल्जाम भी लगाया था.

‘IPL 2023 के बाद धोनी को रिटायर होना चाहिए था’

मनोज तिवारी ने क्रिकबज पर कहा कि उनकी समझ से धोनी को उसी वक्त रिटायर हो जाना चाहिए था, जब IPL 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स ने खिताब जीता था. वैसा ना करके धोनी ने जो इज्जत कमाई थी या जो फैंस का भरोसा जीता था, पिछले सीजन से उसकी नींव हिली है, क्योंकि फैंस उनसे जैसे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं, वैसा वो अब नहीं कर पा रहे.

ये तो खिलवाड़ है!

मनोज तिवारी ने स्टीफन फ्लेमिंग के दिए उस बयान पर भी हमला बोला, जिसके मुताबिक धोनी 10 ओवर से ज्यादा बैटिंग नहीं कर सकते. भाग नहीं सकते. पूर्व भारतीय क्रिकेटर के मुताबिक ये बात उनकी समझ से परे है कि जब बारी 20 ओवर तक फील्डिंग करने, स्टंपिंग करने और डाइव लगाकर गेंद को रोकने की आती है, तो आपके घुटने में चोट नहीं होती. लेकिन बात जब टीम को जिताने की आती है तो घुटने की चोट आड़े आ जाती है.

टीम हित में नहीं धोनी के फैसले- मनोज तिवारी

मनोज तिवारी के मुताबिक धोनी को किसी को बताना चाहिए कि अब उनसे नहीं हो पा रहा. और, अब उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए. उन्होंने ये भी कि उनकी समझ से CSK का सारा डिसीजन एमएस धोनी कर रहे हैं. पर वो जो डिसीजन ले रहे हैं वो टीम हित में नहीं हैं.

करियर बर्बाज करने का भी लगा चुके हैं आरोप

संन्यास ना लेकर CSK के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाने वाले मनोज तिवारी ने ही धोनी पर खुद का करियर तबाह करने का भी इल्जाम लगाया था. उन्होंने कहा कि धोनी कप्तान थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक लगाने और प्लेयर ऑफ द मैच बनने के बाद उन्हें और मौके मिलने चाहिए थे, जो कि नहीं मिले. उन्हें शतक लगाने के बावजूद टीम से ड्रॉप कर दिया गया. जबकि उस समय रन नहीं बना पहे विराट, रैना, रोहित को टीम में बनाए रखा गया. मनोज तिवारी के मुताबिक 6 महीनों के अंतराल में वो 14 मैचों से बाहर रहे.

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